शीर्षकहीन कविताः 
नेता… 

इतनी बार गाली दी गयी इसे
कि शब्दकोश ने भी गालियाँ देते देते
एक परिशिष्ट जोड़ डाला शब्दकोश में। 


इसपरनेताशब्द

इतना नाराज हुआ
कि भाग गया शब्दकोश से
और
जेट विमान की रफ्तार से
सीधे समुद्र में
जाकर डूब मरा… 
और अबनेताशब्द ही नहीं है जीवित। 
इतिहास की किताबों में
कहीं कहीं मिल जाता है यहशब्द‘… 
तुरत फुरत की कविता, जो कल किसी बात पर प्रतिक्रिया स्वरूप बन गयी…